भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं के दौरान, वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित उस शर्त का विरोध किया है जिसमें भारत को भविष्य में डिजिटल टैक्स जैसे ‘गूगल टैक्स’ दोबारा लागू न करने की कानूनी गारंटी देने के लिए कहा गया है।
सरकार ने मार्च 2025 में वित्त विधेयक में संशोधन करते हुए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगाए जाने वाले समानीकरण उपकर (equalisation levy) को हटाने का प्रस्ताव दिया था, जिससे अमेरिका को संकेत मिले कि भारत व्यापार नियमों में नरमी लाने को तैयार है।
हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय के कानूनी सलाहकारों ने अब यह चेतावनी दी है कि अमेरिका की यह मांग केवल भारत पर लागू होती है, जबकि अमेरिका ने खुद को इस तरह की किसी भी डिजिटल टैक्स नीति से बाहर रखा है। इसे "एकतरफा दायित्व" करार दिया गया है।
भारत ऐसे किसी समझौते से बचना चाहता है जिससे भविष्य में डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़े नीतिगत विकल्प सीमित हो जाएं। वहीं अमेरिका की ओर से भारत पर 26% प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाने की आशंका बनी हुई है, जो वार्ता को और जटिल बना रही है।